
बदायूं। अनेकों बैंक में रिश्वत खोरी चरम पर है अंदर खाने हो रहा घूसखोरी से काम इसका प्रमाण सीबीआई लखनऊ ब्रांच की एंटी करप्शन टीम की रेड में मिल चुका है। खासियत यह है कि बैंक का शातिर स्टाफ न तो घूस कैश में लेता है और न ही आँनलाइन पेमेंट ले रहा है। बैंक का ही चैक अथवा वाउचर पर रकम भरवाकर निकाली जा रही है। ताकि शिकायतकर्ता लाख चिल्लाता रहे लेकिन कहीं भी उसका आरोप सही साबित न हो सके।
दरअसल, सीबीआई ने सहसवान और बिल्सी की पंजाब नेशनल बैंक में ट्रैपिंग के बाद तीन शातिरों को पकड़ा है। सहसवान में बैंक का प्रबंधक और दफ्तरी पकड़े गए हैं, तो बिल्सी का भी एक बैंककर्मी ट्रैप में फंसा है। इस कार्रवाई के बाद जहां यह बात क्लीयर होती दिख रही है कि बैंकों में कोई भी लोन या केसीसी बिना रिश्वत के स्वीकृत नहीं हो रहा।
घूसखोरी की रकम ऊपर तक पहुंच रही
वहीं इसकी भी पुष्टि है कि घूसखोरी की रकम ऊपर तक पहुंच रही है। कुल मिलाकर पूरा सिस्टम ही करप्ट नजर आने लगा है। हालांकि आरोपों से बचने के लिए सिस्टम में बैठे शातिरों ने पूरा दिमाग चलाया। इसी का परिणाम है कि जहां सहसवान में शाखा प्रबंधक व दफ्तरी चैक से 48 हजार रुपये वसूल रहे थे। वहीं बिल्सी में बैंक का कर्मचारी वाउचर भरवाकर रकम की वसूलीबाज में जुटा था।
आरोपियों के बयान से फंसेगी गर्दन
माना जा रहा है कि पकड़े गए आरोपियों के बयान से अभी कई अधिकारी-कर्मचारियों की गर्दनें भी फंसेंगी। आने वाले दिनों में इनकी गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है। कुल मिलाकर प्रभावी कार्रवाई हुई तो कम से कम पीएनबी का घूसखोर सिंडीकेट जल्द खत्म हो जाएगा।