
यूपी। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन का एलान कर दिया है। कर्मचारी 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू करने जा रहे हैं। दूसरी तरफ पाॅवर काॅर्पोरेशन प्रबंधन की ओर से कार्य बहिष्कार से निपटने की पुख्ता तैयारी की गई है।
पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से निरंतर आंदोलन चलाया जा रहा है। शुक्रवार को भी बिजली कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा। इसके तहत शाम पांच बजे सभी जिलों में निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन और सभाएं हुईं।
समिति के पदाधिकारियों ने कॉर्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वे निजीकरण के विरोध में चल रहे शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक आंदोलन पर कार्य बहिष्कार थोपना चाहते हैं। काॅर्पोरेशन अध्यक्ष ने सभी जिला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर अपनी मंशा साफ कर दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियंताओं को धमकी भी दी गई। उनके इस अंदाज से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन खुद औद्योगिक अशांति उत्पन्न करने पर आमादा है। निजीकरण के बाद अन्य निगमों में 26500 नियमित सेवा कर्मचारी अतिरिक्त हो जाएंगे। इन्हें कहां समायोजित किया जाएगा। इसका जवाब नहीं दिया जा रहा है। लगभग 50 हजार संविदा कर्मी तो निजीकरण होते ही तत्काल हटा दिए जाएंगे। कर्मचारियों ने एलान किया कि वे किसी भी कीमत पर निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे। 19 मई तक कार्य आंदोलन, 20 को विरोध प्रदर्शन, 21 से 28 मई तक दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक कार्य बहिष्कार एवं विरोध सभा होगी। इसके बाद भी प्रबंधन ने निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया तो 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू होगा।