
बदायूं। अब जमीन की खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। 10 लाख से अधिक की जमीन खरीदने पर पेन कार्ड का सत्यापन होगा। रजिस्ट्री कराने के समय पैन कार्ड के सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया है। रजिस्ट्री कराने वाले क्रेता और विक्रेता के मोबाइल पर ओटीपी आएगा। जिसके जमीन खरीदने और बेचने के दौरान फर्जीवाड़ा होता रहा है। किसी को भी जमीन का स्वामी बनाकर खड़ा कर दिया जाता था और रजिस्ट्री करा ली जाती थी। इसके साथ ही कालाधन छिपाने के लिए लोग जमीन खरीदने में खपाते आ रहे थे। इन सब घटनाओं को रोकने के लिए निबंधन कार्यालय के सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया है। जिसे शासन स्तर पर जोड़ने के बाद अनिवार्य कर दिया है। जैसे ही रजिस्ट्री दस्तावेज के स्कैन कर अपलोड किए जाएंगे वैसे ही क्रेता और विक्रेता के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आ आएगा। क्रेता और विक्रेता के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। उसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। शुक्रवार को लागू की गई नई प्रक्रिया के तहत ही निबंधन कार्यालय में जमीनों की रजिस्ट्री हुई।
डाटा सत्यापन को अलग से आएगा ओटीपी
भूमि की रजिस्ट्री करने के लिए तैयार किए गए नए सॉफ्टवेयर में दस्तावेज के साथ ओटीपी आएगा। उसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इसके बाद क्रेता विक्रेता का नाम, पता, पैन कार्ड नंबर आदि का डाटा के सत्यापन के लिए दोबारा से दोनों के पास ओटीपी आएगा। पैन कार्ड को दस्तावेज के साथ प्रारूप में लिखने के साथ ही स्कैन कर अपलोड किया जाएगा।
नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री में हो देरी
सब रजिस्ट्रार मोहम्मद वसीम ने बताया कि नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री होना शुरू हो गई हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में रजिस्ट्री कराने में ज्यादा समय लगा। बताया कि शुक्रवार को अधिक रजिस्ट्री नहीं हो सकी। करीब 50 रजिस्ट्री हुई। जबकि अब से पूर्व सौ रजिस्ट्री होती थी।
जल्द शुरू होगा आधार सत्यापन
सब रजिस्ट्रार ने बताया कि ओटीपी बेस्ट रजिस्ट्री की शुरूआत हो गई है। जल्द ही आधार कार्ड का भी सत्यापन शुरू होगा, इसके बाद जमीनों की रजिस्ट्री में पूरी तरह फर्जीवाड़ा रुक जाएगा। इसके बाद आयकर विभाग को भी सही डेटा उपलब्ध हो जाएगा।
ओटीपी बेस्ड रजिस्ट्री की शुरूआत हो गई। पैनकार्ड का भी सत्यापन करने के बाद रजिस्ट्री की जा रही है। इसके बाद आधार का भी सत्यापन होगा। जिस पर काम चल रहा है। इन प्रक्रिया से हो रही रजिस्ट्री से काफी हद तक फर्जीवाड़ा रुकेगा।
सीपी मौर्य, सहायक निबंधन आयुक्त।