
बदायूं। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना में बैंक बाधक बने हैं। इस योजना के लिए आए हुए आवेदनों में 563 आवेदन बैंक में लंबित हैं। इसके अलावा 578 को निरस्त कर दिया गया है। आवेदन के सापेक्ष 27 प्रतिशत युवाओं को अब तक इसका लाभ दिया गया है। आवेदनों की स्वीकृति के लिए कई युवा बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीन मार्च 2024 को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना लांच की थी। इस योजना का लक्ष्य हर साल एक लाख युवा उद्यमियों को पांच लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए ब्याज मुक्त ऋण देना है। योजना का लाभ पाने के लिए युवाओं ने बैंकों में आवेदन किया। जिले की एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, यूपी ग्रामीण बैंक सहित सभी बैंकों में 1400 आवेदन किए गए। इसमें से तमाम जांच पड़ताल के बाद 379 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। बैंकों ने स्वीकृति से ज्यादा आवेदन रद करने पर फोकस किया। अब तक बैंकों ने 578 आवेदनों को अलग-अलग कारणों से निरस्त कर दिया है। 563 आवेदन बैंकों में लंबित हैं। इनकी जांच की जा रही है। वहीं, 200 से ज्यादा लोगों को लोन दिया भी जा चुका है। बैकों ने बताया कि फाइल पूरी न होने की वजह से 124 आवेदन और बैंक से संपर्क न करने की वजह से 43 आवेदन को निरस्त कर दिया गया है।
एसबीआई की मुख्य शाखा और बैंक ऑफ इंडिया में भी सिर्फ खाना पूर्ती हो रही है।
एचडीएफसी ने एक भी आवेदन नहीं किया स्वीकृत
उपायुक्त उद्योग कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार योजना के तहत एचडीएफसी बैंक में 31 आवेदन किए गए। इसमें से बैंक की ओर से छह फाइल निरस्त कर दी गई। जबकि 29 फाइल अभी लंबित है। इसी तरह सबसे ज्यादा आवेदन एसबीआई को मिले थे। उन्हें योजना के तहत उपायुक्त उद्योग कार्यालय की ओर से 607 आवेदन भेजे गए थे। इसमें से 202 आवेदन निरस्त और 29 लोगों को लोन दिया गया है। जबकि 334 आवेदन अभी लंबित हैं।
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योजना की निगरानी के लिए शासन से भेजे गए हैं दो अधिकारी
योजना की निगरानी और उसके क्रियान्वयन के लिए शासन की ओर से एक जिला प्रबंधक और दो सीएम फेलो को भेजा गया है। इनकी सख्ती के बावजूद योजना का लोगों को भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा।
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एचडीएफसी ने एक भी आवेदन नहीं किया स्वीकृत
उपायुक्त उद्योग कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार योजना के तहत एचडीएफसी बैंक में 31 आवेदन किए गए। इसमें से बैंक की ओर से छह फाइल निरस्त कर दी गई। जबकि 29 फाइल अभी लंबित है। इसी तरह सबसे ज्यादा आवेदन एसबीआई को मिले थे। उन्हें योजना के तहत उपायुक्त उद्योग कार्यालय की ओर से 607 आवेदन भेजे गए थे। इसमें से 202 आवेदन निरस्त और 29 लोगों को लोन दिया गया है। जबकि 334 आवेदन अभी लंबित हैं।
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योजना की निगरानी के लिए शासन से भेजे गए हैं दो अधिकारी
योजना की निगरानी और उसके क्रियान्वयन के लिए शासन की ओर से एक जिला प्रबंधक और दो सीएम फेलो को भेजा गया है। इनकी सख्ती के बावजूद योजना का लोगों को भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा।
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