नजीब अहमद मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने याचिका की स्वीकार, मां बोली-मुझे मेरा बेटा चाहिए

बदायूं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली से नौ साल पहले लापता एमएससी के छात्र नजीब अहमद के मामले में दिल्ली की कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इसको लेकर नजीब की मां ने पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली में याचिका दायर की है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। नजीब की मां फातिमा नफीस ने बताया कि वह बेटे को पाने के लिए तब तक सरकारी तंत्र से लड़ेगी, जब तक उनका बेटे नहीं मिल जाता है। इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगी। उन्हें बस अपना बेटा चाहिए।
दिल्ली के आनंद बिहार बस स्टैंड पर मां और बेटे की आखिरी बार बात हुई थी, लेकिन जब वह हॉस्टल पहुंची तो नजीब नहीं था। उनका मोबाइल हॉस्टल के कमरे में था। चप्पल सीढि़यों पर पड़ी थी। इसके बाद मां दिल्ली के बसंतकुंज थाने पहुंची। जहां उन्होंने बेटे के अपहरण की आशंका को लेकर पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने कहा था कि अगर वह आरोपियों के खिलाफ नामजद शिकायत देती तो वह नजीब को तलाश कर लेंगे। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके बाद नजीब की तलाश को लेकर परिजनों व छात्रों संगठनों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए। इसके बाद इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस से हटाकर सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की। सीबीआई कई बार बदायूं भी आई, लेकिन नजीब का कोई सुराग नहीं लग सका। 2018 में सीबीआई ने जांच बंद करते हुए क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी, लेकिन मां फातिमा नफीस ने कोर्ट में फिर से याचिका दायर कर दोबारा से बेटे की तलाश करने की मांग की थी। इसके बाद फिर से जांच शुरू की गई। सीबीआई को नजीब को लेकर कुछ हासिल नहीं हुआ। इसके चलते अब कोर्ट ने उसी क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।
मां फातिमा नफीस ने बताया कि उन्होंने बेटे को पाने के लिए नौ वर्ष तक संघर्ष किया। वह ऐसे हार नहीं मान सकती है। वह आखिरी सांस तक बेटे को हासिल करने के लिए कोर्ट के दरवाजे जाती रहेगी। इसके लिए उन्होंने अब दिल्ली की पटियाला कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। यहां सुनवाई में वह कोर्ट से अपने बेटे की तलाश व आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करेंगी।