
यूपी। लखनऊ में दिव्यांग पेंशन पांच हजार रुपये करने, लेखपाल, मुख्य सेविका अभ्यर्थी की नियुक्ति सहित अन्य मांगों को लेकर दिव्यांगों ने बुधवार को विधानभवन के सामने प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारी दिव्यांगों को जबरन बस से ईको गार्डन रवाना कर दिया। दिव्यांगों ने आरोप लगाया कि उन्हें बैसाखी भी लेने नहीं दी गई। बाद में पुलिस प्रशासन ने दिव्यांगों के प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री के ओएसडी एमके सिंह चौहान से वार्ता कराई। उन्होंने मांगें पूरी करवाने का आश्वासन दिया।
लखनऊ में महागठबंधन के बैनर तले विधानसभा घेराव कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस ऐतिहासिक आंदोलन में बदायूं से दिव्यांग एकता संगठन के अध्यक्ष सदाकत खान के नेतृत्व में कई दिव्यांगजन लखनऊ पहुंचे।
लेकिन प्रदेश की सरकार ने लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करते हुए विधानसभा जाने से पहले ही सदाकत खान, चंद्रभान सिंह, आस मोहम्मद, दिनेश कुमार, पूरनलाल, चरण सिंह, विकास, शाहरुख खान, निसार खान, नसीम, बलबीर सिंह समेत सैकड़ों दिव्यांगजनों को पुलिस वैन में बैठाकर इको गार्डन पहुंचा दिया।
इसके विरोध में दिव्यांगजनों ने इको गार्डन में ही धरना शुरू कर दिया और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। धरने के दौरान दिव्यांगजनों ने अपनी प्रमुख मांगे रखीं:
दिव्यांग अधिनियम 2016 को जमीनी स्तर पर लागू किया जाए
पेंशन ₹5000 प्रति माह की जाए
रोजगार के अवसर और सरकारी नौकरियों में भागीदारी सुनिश्चित की जाए
सभी योजनाओं में पारदर्शिता और प्राथमिकता दी जाए
दिव्यांगजन एकता संगठन ने साफ चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो यह आंदोलन और अधिक उग्र और व्यापक रूप लेगा।
संघर्ष जारी रहेगा। अधिकार लेकर रहेंगे।