
बदायूं। शहर सहित कस्बा और देहात क्षेत्र में संचालित मेडिकल स्टोरों पर नामचीन कंपनी के नाम से नकली दवाओं की बिक्री हो रही है। इन दवाओं को आगरा की कंपनी द्वारा सप्लाई होना बताया रहा है। जिन दवा कारोबारियों द्वारा इन नकली दवाओं की बिक्री की जा रही थी उनके खिलाफ ड्रग्स विभाग को कार्रवाई करनी थी। लेकिन विभाग की सुस्ती के चलते ऐसा नहीं हो सका। इस पर डीएम ने औषधि निरीक्षक को दवा कारोबारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
आगरा में एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने दो दवा कारोबारियों के यहां छापा मारा था। यहां से नामचीन कंपनियों के नाम से नकली दवाओं का जखीरा बरामद हुआ। एसटीएफ और औषधि संरक्षण विभाग ने जब गहन छानबीन की गई तो पता चला कि नकली दवाओं की सप्लाई दूसरे जनपदों में भी की जाती थी। दवा कारोबारी ने एटा, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं में भी मेडिकल स्टोरों पर नकली दवाओं की सप्लाई की थी। कुछ दिन पूर्व बरेली में बरेली में एसटीएफ और औषधि विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए कई मेडिकल स्टेार से नकली दवाएं पकड़ी थी।
बदायूं में भी नकली दवाओं की बिक्री करने वाले मेडिकल स्टोर पर भी कार्रवाई होनी थी। लेकिन औषधि संरक्षण विभाग द्वारा आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी। जिसकी जानकारी होने पर डीएम ने ड्रग्स इंस्पेक्टर को नकली दवाओं की बिक्री करने वाले दवा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए हैं। साल 2024 अक्टूबर माह के दौरान प्रशासन द्वारा लक्ष्मी और महालक्ष्मी मेडिकल स्टोर से नशे के इंजेक्शन बरामद हुए थे।
जिस पर प्रशासन ने नशे का कारोबार करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया था। उस दौरान प्रशासन की सख्ती के चलते औषधि संरक्षण विभाग ने भी मेडिकल स्टोर सीज कर दिए थे। इस घटना को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ कि जिस मेडिकल संचालक को नशे के इंजेक्शन की बिक्री करते हुए पकड़ा था। उसे नए नाम से मेडिकल लाइसेंस जारी कर दिया। अब औषधि संरक्षण विभाग नकली दवाओं की बिक्री करने वालों को पकड़ने के बाद बचाने में लग गया है।
नकली दवा बेचने वाले को बचा रहा ड्रग्स विभाग
बताया जा रहा है कि नकली दवा बेचने वाले कारोबारी की पहचान ड्रग्स विभाग द्वारा कर ली गई है। विभागीय अधिकारी द्वारा दवाओं को भी जब्त कर लिया गया है। लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी है। बताया कि जा रहा है कि औषधि संरक्षण विभाग के अधिकारी नकली दवा बेचने वाले कारोबारी को बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। यही बजह कि नकली दवाएं पकड़ने के बाद आज तक उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारियों द्वारा इतना ही कहा जा रहा है कि मंडलीय टीम आकर कार्रवाई करेगी।
एडीएम प्रशासन अरुण कुमार ने बताया कि नकली दवाओं की बिक्री करने वाले किसी भी कारोबारी को बख्सा नहीं जाएगा। जांच के आदेश ड्रग्स अधिकारी को दिए गए हैं। अगर उनके द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही बरती जा रही है तो उनके खिलाफ भी शासन को अवगत कराया जाएगा।




